श्री महाभारत » पर्व 14: आश्वमेधिक पर्व » अध्याय 27: अध्यात्मविषयक महान् वनका वर्णन » श्लोक 19 |
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| | श्लोक 14.27.19  | यशो वर्चो भगश्चैव विजय: सिद्धतेजस:।
एवमेवानुवर्तन्ते सप्त ज्योतींषि भास्करम्॥ १९॥ | | | अनुवाद | यश, कीर्ति, समृद्धि, विजय, सिद्धि और तेज - ये सात ज्योतियाँ आत्मारूपी उपर्युक्त सूर्य के पीछे-पीछे चलती हैं ॥19॥ | | Fame, glory, prosperity, victory, success and brilliance - these seven lights follow the above-mentioned Sun in the form of the soul. ॥19॥ |
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