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श्लोक 14.27.11  |
सुरभीण्येकवर्णानि पुष्पाणि च फलानि च।
सृजन्त: पादपास्तत्र व्याप्य तिष्ठन्ति तद् वनम्॥ ११॥ |
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अनुवाद |
चौथा वृक्ष एक ही रंग के सुगन्धित फूल और फल उत्पन्न करता है और सम्पूर्ण वन में फैला रहता है ॥11॥ |
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The fourth tree produces fragrant flowers and fruits of only one colour and is spread all over the forest. ॥ 11॥ |
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