श्री महाभारत » पर्व 14: आश्वमेधिक पर्व » अध्याय 25: चातुर्होम यज्ञका वर्णन » श्लोक 5 |
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| | श्लोक 14.25.5  | गन्धो रसश्च रूपं च शब्द: स्पर्शश्च पञ्चम:।
मन्तव्यमथ बोद्धव्यं सप्तैते कर्महेतव:॥ ५॥ | | | अनुवाद | गंध, रस, रूप, शब्द, पाँचवाँ स्पर्श और आशय तथा बुद्धि - ये सात विषय कर्मरूप के लिए हैं ॥5॥ | | Scent, taste, form, word, fifth touch and intention and wisdom - these seven subjects are for the form of action. 5॥ |
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