श्री महाभारत » पर्व 14: आश्वमेधिक पर्व » अध्याय 25: चातुर्होम यज्ञका वर्णन » श्लोक 4 |
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| | श्लोक 14.25.4  | हेतूनां साधनं चैव शृणु सर्वमशेषत:।
घ्राणं जिह्वा च चक्षुश्च त्वक् च श्रोत्रं च पञ्चमम्।
मनो बुद्धिश्च सप्तैते विज्ञेया गुणहेतव:॥ ४॥ | | | अनुवाद | इनके पीछे जो कारण हैं, वे तर्क से सिद्ध हैं। उन सबको पूरा-पूरा सुनो। नासिका, जिह्वा, नेत्र, त्वचा, पाँचवाँ कान, मन और बुद्धि- इन सात कारण कारणों को गुणों से युक्त समझना चाहिए॥4॥ | | The reasons behind these are proved by logic. Listen to all of them completely. The nose, tongue, eyes, skin, the fifth ear, the mind and the intellect – these seven causal reasons should be considered to be endowed with qualities.॥ 4॥ |
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