श्री महाभारत » पर्व 14: आश्वमेधिक पर्व » अध्याय 23: प्राण, अपान आदिका संवाद और ब्रह्माजीका सबकी श्रेष्ठता बतलाना » श्लोक 20 |
|
| | श्लोक 14.23.20  | तत: प्रालीयतोदान: पुनश्च प्रचचार ह।
प्राणापानौ समानश्च व्यानश्चैव तमब्रुुवन्।
उदान न त्वं श्रेष्ठोऽसि व्यान एव वशे तव॥ २०॥ | | | अनुवाद | यह सुनकर उदान कुछ देर तक विचारमग्न रहा और फिर चलने लगा। तब प्राण, अपान, समान और व्यान ने उससे कहा, "उदान! तुम हमसे श्रेष्ठ नहीं हो। केवल व्यान ही तुम्हारे अधीन है।" | | Hearing this, Udana became absorbed in thought for a while and then started walking again. Then Prana, Apana, Samana and Vyana said to him- 'Udana! You are not superior to us. Only Vyana is under your control.' |
| ✨ ai-generated | |
|
|