श्री महाभारत  »  पर्व 14: आश्वमेधिक पर्व  »  अध्याय 23: प्राण, अपान आदिका संवाद और ब्रह्माजीका सबकी श्रेष्ठता बतलाना  »  श्लोक 18
 
 
श्लोक  14.23.18 
समान: प्रचचाराथ उदानस्तमुवाच ह।
श्रेष्ठोऽहमस्मि सर्वेषां श्रूयतां येन हेतुना॥ १८॥
 
 
अनुवाद
यह सुनकर समन पहले की भाँति चलने लगा। तब उदान ने उससे कहा - 'मैं सबमें श्रेष्ठ क्यों हूँ? यह सुनो।॥18॥
 
On hearing this, Saman started walking as before. Then Udana said to him, 'What is the reason that I am the best among all? Listen to this.॥ 18॥
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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