श्री महाभारत  »  पर्व 14: आश्वमेधिक पर्व  »  अध्याय 23: प्राण, अपान आदिका संवाद और ब्रह्माजीका सबकी श्रेष्ठता बतलाना  »  श्लोक 13
 
 
श्लोक  14.23.13 
अपान: प्रचचाराथ व्यानस्तं पुनरब्रवीत्।
श्रेष्ठोऽहमस्मि सर्वेषां श्रूयतां येन हेतुना॥ १३॥
 
 
अनुवाद
यह सुनकर अपान भी पहले की भाँति चलने लगा। तब व्यान ने उससे पुनः कहा- 'मैं ही श्रेष्ठ हूँ। मेरी श्रेष्ठता का क्या कारण है? उसे सुनो।॥13॥
 
Hearing this, Apana also started walking as before. Then Vyana said to him again- 'I am the best. What is the reason for my superiority? Listen to that.॥ 13॥
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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