श्री महाभारत » पर्व 14: आश्वमेधिक पर्व » अध्याय 23: प्राण, अपान आदिका संवाद और ब्रह्माजीका सबकी श्रेष्ठता बतलाना » श्लोक 12 |
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| | श्लोक 14.23.12  | ब्राह्मण उवाच
व्यानश्च तमुदानश्च भाषमाणमथोचतु:।
अपान न त्वं श्रेष्ठोऽसि प्राणो हि वशगस्तव॥ १२॥ | | | अनुवाद | ब्राह्मण कहते हैं - तब व्यान और उदान ने पूर्वोक्त बात कहने वाले अपान से कहा - 'अपान! केवल प्राण ही तुम्हारे वश में है, इसलिए तुम हमसे श्रेष्ठ नहीं हो सकते।'॥12॥ | | The Brahmins say, "Then Vyana and Udana said to Apana, who had said the above, - 'Apana! Only the life force is under your control, therefore you cannot be superior to us.'॥ 12॥ |
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