श्री महाभारत  »  पर्व 14: आश्वमेधिक पर्व  »  अध्याय 17: काश्यपके प्रश्नोंके उत्तरमें सिद्ध महात्माद्वारा जीवकी विविध गतियोंका वर्णन  »  श्लोक 34
 
 
श्लोक  14.17.34 
तस्य स्थानानि दृष्टानि त्रिविधानीह शास्त्रत:।
कर्मभूमिरियं भूमिर्यत्र तिष्ठन्ति जन्तव:॥ ३४॥
 
 
अनुवाद
शास्त्रों के अनुसार जीवों के लिए तीन प्रकार के स्थान देखे गए हैं (मृत्युलोक, स्वर्ग और नरक)। मृत्युलोक की यह भूमि जहाँ अनेक जीव रहते हैं, कर्मभूमि कही गई है ॥ 34॥
 
According to the scriptures, three types of places have been seen for the living beings (the mortal world, heaven and hell). This land of the mortal world where many living beings live is called the land of action. ॥ 34॥
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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