श्री महाभारत  »  पर्व 14: आश्वमेधिक पर्व  »  अध्याय 16: अर्जुनका श्रीकृष्णसे गीताका विषय पूछना और श्रीकृष्णका अर्जुनसे सिद्ध, महर्षि एवं काश्यपका संवाद सुनाना  »  श्लोक 8
 
 
श्लोक  14.16.8 
वैशम्पायन उवाच
एवमुक्तस्तु तं कृष्ण: फाल्गुनं प्रत्यभाषत।
परिष्वज्य महातेजा वचनं वदतां वर:॥ ८॥
 
 
अनुवाद
वैशम्पायनजी कहते हैं - राजन! जब अर्जुन ने ऐसा कहा, तब वक्ताओं में श्रेष्ठ भगवान श्रीकृष्ण ने उसे गले लगा लिया और इस प्रकार उत्तर दिया॥8॥
 
Vaishampayanji says – King! When Arjun said this, Lord Krishna, the best among speakers, embraced him and replied in this way. 8॥
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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