श्री महाभारत  »  पर्व 14: आश्वमेधिक पर्व  »  अध्याय 16: अर्जुनका श्रीकृष्णसे गीताका विषय पूछना और श्रीकृष्णका अर्जुनसे सिद्ध, महर्षि एवं काश्यपका संवाद सुनाना  »  श्लोक 4
 
 
श्लोक  14.16.4 
तत: प्रतीत: कृष्णेन सहित: पाण्डवोऽर्जुन:।
निरीक्ष्य तां सभां रम्यामिदं वचनमब्रवीत्॥ ४॥
 
 
अनुवाद
पाण्डुनन्दन अर्जुन भगवान श्रीकृष्ण के साथ रहकर अत्यन्त प्रसन्न हुए। उन्होंने एक बार उस सुन्दर सभा की ओर देखकर भगवान श्रीकृष्ण से कहा - 4॥
 
Pandunandan Arjun was very happy to be with Lord Krishna. He once looked towards that beautiful gathering and said to Lord Krishna - 4॥
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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