श्री महाभारत  »  पर्व 14: आश्वमेधिक पर्व  »  अध्याय 16: अर्जुनका श्रीकृष्णसे गीताका विषय पूछना और श्रीकृष्णका अर्जुनसे सिद्ध, महर्षि एवं काश्यपका संवाद सुनाना  »  श्लोक 13
 
 
श्लोक  14.16.13 
परं हि ब्रह्म कथितं योगयुक्तेन तन्मया।
इतिहासं तु वक्ष्यामि तस्मिन्नर्थे पुरातनम्॥ १३॥
 
 
अनुवाद
उस समय योग में तत्पर होकर मैंने परम तत्व का वर्णन किया था। अब उस विषय का ज्ञान कराने के लिए मैं प्राचीन इतिहास कह रहा हूँ॥13॥
 
At that time, being absorbed in yoga, I had described the Supreme Reality. Now, to give knowledge of that subject, I am narrating an ancient history.॥ 13॥
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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