श्री महाभारत  »  पर्व 14: आश्वमेधिक पर्व  »  अध्याय 110: सर्वहितकारी धर्मका वर्णन, द्वादशी-व्रतका माहात्म्य तथा युधिष्ठिरके द्वारा भगवान‍्की स्तुति  »  श्लोक d10
 
 
श्लोक  14.110.d10 
युधिष्ठिर उवाच
सर्वेषामुपवासानां यच्छ्रेय: सुमहत्फलम्।
यच्च नि:श्रेयसं लोके तद् भवान् वक्तुमर्हति॥
 
 
अनुवाद
युधिष्ठिर बोले - भगवन्! कृपा करके वर्णन कीजिए कि सब प्रकार के व्रतों में से कौन-सा व्रत श्रेष्ठ है, महान फल देने वाला है और कल्याण का सर्वोत्तम साधन है।
 
Yudhishthir said – Lord! Please describe which of all types of fasts is the best, gives great results and is the best means of welfare.
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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