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श्लोक 14.102.d37  |
कपिला सर्वयज्ञेषु दक्षिणार्थं विधीयते।
तस्मात् तद्दक्षिणा देया यज्ञेष्वेव द्विजातिभि:॥ |
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अनुवाद |
‘कपिला गाय सभी प्रकार के यज्ञों में दक्षिणा देने के लिए बनाई गई है, इसलिए दो जातियों के लोगों को यज्ञों में उसे दक्षिणा देनी चाहिए। |
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‘Kapila cow has been created to give Dakshina in all types of yagyas, hence the people belonging to two castes must give her Dakshina in yagyas. |
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