श्री महाभारत  »  पर्व 14: आश्वमेधिक पर्व  »  अध्याय 102: कपिला गौका तथा उसके दानका माहात्म्य और कपिला गौके दस भेद  »  श्लोक d36
 
 
श्लोक  14.102.d36 
तस्मात् तु मुक्तिमन्विच्छन् दद्यात् तु कपिलां नर:॥
 
 
अनुवाद
अतः जो व्यक्ति संसार से मुक्ति चाहता है, उसे कपिला गाय का दान करना चाहिए।
 
‘Therefore, the person who wants to be free from the world should donate a Kapila cow.
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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