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श्लोक 14.102.d19  |
प्रातरुत्थाय यद्भक्त्या कुर्याद् यस्मात् प्रदक्षिणम्।
प्रदक्षिणीकृता तेन पृथिवी नात्र संशय:॥ |
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अनुवाद |
इसमें कोई संदेह नहीं है कि जो व्यक्ति सुबह जल्दी उठकर भक्तिपूर्वक कपिला गाय की परिक्रमा करता है, वह सम्पूर्ण पृथ्वी की परिक्रमा कर लेता है।' |
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There is no doubt that one who gets up early in the morning and circumambulates the Kapila cow with devotion, circumambulates the entire earth.' |
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