श्री महाभारत  »  पर्व 14: आश्वमेधिक पर्व  »  अध्याय 1: युधिष्ठिरका शोकमग्न होकर गिरना और धृतराष्ट्रका उन्हें समझाना  »  श्लोक 16
 
 
श्लोक  14.1.16 
अथ नेच्छसि राजानं कुन्तीपुत्रं युधिष्ठिरम्।
मेढीभूत: स्वयं राज्यं प्रतिगृह्णीष्व पार्थिव॥ १६॥
 
 
अनुवाद
"नरेश्वर! यदि आप कुन्तीपुत्र युधिष्ठिर को राजा नहीं बनाना चाहते, तो ऋषि बनकर स्वयं ही सम्पूर्ण राज्य का भार संभाल लीजिए ॥16॥
 
"Nareshwar! If you do not want to make Kunti's son Yudhishthira the king, then become a sage and take charge of the entire kingdom yourself. 16॥
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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