श्री महाभारत  »  पर्व 13: अनुशासन पर्व  »  अध्याय 74: गौओंके लोक और गोदानविषयक युधिष्ठिर और इन्द्रके प्रश्न  »  श्लोक 9
 
 
श्लोक  13.74.9 
कियत्कालं प्रदानस्य दाता च फलमश्नुते।
कथं बहुविधं दानं स्यादल्पमपि वा कथम्॥ ९॥
 
 
अनुवाद
वहाँ गौदान का फल दानकर्ता को कितने समय तक मिलता है? नाना प्रकार के दान कैसे किए जाते हैं? अथवा अल्प दान भी कैसे संभव है?॥9॥
 
For how long does the donor get to enjoy the fruits of cow donation there? How are various types of donations made? Or how is even a small donation possible?॥9॥
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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