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श्लोक 13.74.8  |
कीदृशा: किंफला: किंस्वित् परमस्तत्र को गुण:।
कथं च पुरुषास्तत्र गच्छन्ति विगतज्वरा:॥ ८॥ |
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अनुवाद |
वह लोक कैसा है? वहाँ क्या फल मिलता है? वहाँ सबसे बड़ा पुण्य क्या है? जो लोग गौदान करते हैं, वे सभी चिंताओं से मुक्त होकर वहाँ कैसे पहुँचते हैं?॥8॥ |
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What kind of a world are those? What rewards are obtained there? What is the greatest virtue there? How do people who donate cows reach there, free from all worries?॥ 8॥ |
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