श्री महाभारत  »  पर्व 13: अनुशासन पर्व  »  अध्याय 74: गौओंके लोक और गोदानविषयक युधिष्ठिर और इन्द्रके प्रश्न  »  श्लोक 5
 
 
श्लोक  13.74.5 
भीष्म उवाच
अत्राप्युदाहरन्तीममितिहासं पुरातनम्।
यथापृच्छत् पद्मयोनिमेतदेव शतक्रतु:॥ ५॥
 
 
अनुवाद
भीष्म ने कहा- युधिष्ठिर! इस विषय के जानकार लोग एक प्राचीन कथा का उदाहरण देते हैं। जैसा कि एक बार इंद्र ने ब्रह्माजी से यही प्रश्न पूछा था।
 
Bhishma said- Yudhishthira! People who are knowledgeable about this subject give the example of an ancient story. As Indra had once asked the same question to Brahmaji. 5.
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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