श्री महाभारत  »  पर्व 13: अनुशासन पर्व  »  अध्याय 74: गौओंके लोक और गोदानविषयक युधिष्ठिर और इन्द्रके प्रश्न  »  श्लोक 11
 
 
श्लोक  13.74.11 
कथं वा बहुदाता स्यादल्पदात्रा सम: प्रभो।
अल्पप्रदाता बहुद: कथं स्वित् स्यादिहेश्वर॥ ११॥
 
 
अनुवाद
हे प्रभु! बहुत दान देने वाला मनुष्य अल्प दान देने वाले के समान कैसे हो जाता है? और हे देवों के प्रभु! थोड़ा दान देने वाला मनुष्य बहुत दान देने वाले के समान कैसे हो जाता है?॥11॥
 
Lord! How does a man who gives a lot of charity become like one who gives little charity? And Lord of gods! How does a man who gives little charity become like one who gives a lot of charity?॥ 11॥
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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