श्री महाभारत » पर्व 13: अनुशासन पर्व » अध्याय 7: कर्मोंके फलका वर्णन » श्लोक 4 |
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| | श्लोक 13.7.4  | यस्यां यस्यामवस्थायां यत् करोति शुभाशुभम्।
तस्यां तस्यामवस्थायां भुङ्क्ते जन्मनि जन्मनि॥ ४॥ | | | अनुवाद | वह जिस भी अवस्था में जो भी अच्छे या बुरे कर्म करता है, उन कर्मों का फल उसे प्रत्येक जन्म में उसी अवस्था में भोगना पड़ता है ॥4॥ | | Whatever good or bad deeds he performs in whatever state, he experiences the consequences of those deeds in the same state of each birth. ॥ 4॥ |
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