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श्लोक 13.57.31  |
भविष्यत्येष ते काम: कुशिकात् कौशिको द्विज:।
तृतीयं पुरुषं तुभ्यं ब्राह्मणत्वं गमिष्यति॥ ३१॥ |
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अनुवाद |
तुम्हारी यह इच्छा अवश्य पूर्ण होगी। कुशिक से कौशिक नामक ब्राह्मण कुल प्रचलित होगा और तुम्हारी तीसरी पीढ़ी ब्राह्मण होगी॥31॥ |
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This wish of yours will be fulfilled. From Kushik, a Brahmin clan named Kaushik will be prevalent and your third generation will become Brahmin.॥ 31॥ |
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