श्री महाभारत  »  पर्व 13: अनुशासन पर्व  »  अध्याय 51: नाना प्रकारके पुत्रोंका वर्णन  »  श्लोक 24
 
 
श्लोक  13.51.24 
तद्‍गोत्रबन्धुजं तस्य कुर्यात् संस्कारमच्युत।
अथ देया तु कन्या स्यात् तद्वर्णस्य युधिष्ठिर॥ २४॥
 
 
अनुवाद
हे युधिष्ठिर, जो धर्म से कभी विचलित नहीं होते! उन्हें उनके पालक पिता के समान कुल के संबंधियों के समान ही संस्कार दिए जाएँ तथा उनका विवाह समान कुल की कन्या से किया जाए॥ 24॥
 
Yudhishthira, who never deviates from Dharma! He should be given the same rituals as are given to his foster father's relatives of the same clan and he should be married to a girl of the same caste.॥ 24॥
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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