श्री महाभारत  »  पर्व 13: अनुशासन पर्व  »  अध्याय 51: नाना प्रकारके पुत्रोंका वर्णन  »  श्लोक 23
 
 
श्लोक  13.51.23 
भीष्म उवाच
आत्मवत् तस्य कुर्वीत संस्कारं स्वामिवत् तथा।
त्यक्तो मातापितृभ्यां य: सवर्णं प्रतिपद्यते॥ २३॥
 
 
अनुवाद
भीष्म बोले, "पुत्र! माता-पिता द्वारा त्याग दिया गया बालक अपने स्वामी (पालक) पिता का वर्ण (जाति) प्राप्त करता है। अतः उसका पालन-पोषण करने वाले को ही उसके वर्ण के अनुसार उसका अंतिम संस्कार करना चाहिए।"
 
Bhishma said, "Son! A child who has been abandoned by his parents gets the Varna (caste) of his master (foster) father. Therefore, the one who takes care of him should perform his last rites according to his own Varna.
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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