श्री महाभारत  »  पर्व 13: अनुशासन पर्व  »  अध्याय 5: स्वामिभक्त एवं दयालु पुरुषकी श्रेष्ठता बतानेके लिये इन्द्र और तोतेके संवादका उल्लेख  »  श्लोक 3
 
 
श्लोक  13.5.3 
विषये काशिराजस्य ग्रामान्निष्क्रम्य लुब्धक:।
सविषं काण्डमादाय मृगयामास वै मृगम्॥ ३॥
 
 
अनुवाद
कहा जाता है कि काशीराज के राज्य में एक शिकारी विष में डूबा तीर लेकर अपने गांव से निकला और शिकार के लिए हिरण की तलाश में निकल पड़ा।
 
It is said in the kingdom of Kashiraj, that a hunter left his village with an arrow dipped in poison and started looking for a deer to hunt.
 ✨ ai-generated
 
 
  Connect Form
  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
  © copyright 2025 vedamrit. All Rights Reserved.