श्री महाभारत  »  पर्व 13: अनुशासन पर्व  »  अध्याय 5: स्वामिभक्त एवं दयालु पुरुषकी श्रेष्ठता बतानेके लिये इन्द्र और तोतेके संवादका उल्लेख  »  श्लोक 18
 
 
श्लोक  13.5.18 
अन्येऽपि बहवो वृक्षा: पत्रसंच्छन्नकोटरा:।
शुभा: पर्याप्तसंचारा विद्यन्तेऽस्मिन् महावने॥ १८॥
 
 
अनुवाद
इस विशाल वन में और भी बहुत से वृक्ष हैं जिनके खोखले हरे पत्तों से ढके हुए हैं, जो सुन्दर हैं और जिन पर पक्षियों के विचरण के लिए पर्याप्त स्थान हैं॥18॥
 
In this large forest there are many other trees whose hollows are covered with green leaves, which are beautiful and on which there are ample places for the birds to move around.॥ 18॥
 ✨ ai-generated
 
 
  Connect Form
  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
  © copyright 2025 vedamrit. All Rights Reserved.