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श्लोक 13.5.12  |
ततो ब्राह्मणवेषेण मानुषं रूपमास्थित:।
अवतीर्य महीं शक्रस्तं पक्षिणमुवाच ह॥ १२॥ |
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अनुवाद |
तत्पश्चात् वह ब्राह्मण का वेश धारण करके मनुष्य का रूप धारण करके पृथ्वी पर उतरा और तोते से बोला -॥12॥ |
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Thereafter he assumed the form of a human being in the guise of a Brahmin and descended to the earth and spoke to the parrot -॥ 12॥ |
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