श्री महाभारत  »  पर्व 13: अनुशासन पर्व  »  अध्याय 4: आजमीढके वंशका वर्णन तथा विश्वामित्रके जन्मकी कथा और उनके पुत्रोंके नाम  »  श्लोक 30
 
 
श्लोक  13.4.30 
तामुवाच ततो माता सुतां सत्यवतीं तदा।
पुत्रि पूर्वोपपन्नाया: कुरुष्व वचनं मम॥ ३०॥
 
 
अनुवाद
उस समय माता ने अपनी पुत्री सत्यवती से कहा - 'पुत्री! तुम्हारी माता होने के नाते मेरा तुम पर अधिकार है, अतः तुम मेरी बात मानो।'
 
At that time the mother said to her daughter Satyavati - 'Daughter! Being your mother I already have a right over you; therefore you must obey me.'
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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