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श्लोक 13.4.27  |
ऋतुस्नाता च साश्वत्थं त्वं च वृक्षमुदुम्बरम्।
परिष्वजेथा: कल्याणि तत एवमवाप्स्यथ:॥ २७॥ |
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अनुवाद |
कल्याणी! रजस्वला होकर तुम्हारी माता पीपल का और तुम गूलर का आलिंगन करो। इससे तुम दोनों को मनोवांछित पुत्र की प्राप्ति होगी। 27॥ |
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Kalyani! After taking menstrual bath, your mother should embrace the Peepal tree and you should embrace the Sycamore tree. With this, both of you will get the desired son. 27॥ |
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