श्री महाभारत  »  पर्व 13: अनुशासन पर्व  »  अध्याय 4: आजमीढके वंशका वर्णन तथा विश्वामित्रके जन्मकी कथा और उनके पुत्रोंके नाम  »  श्लोक 25
 
 
श्लोक  13.4.25 
गुणवन्तमपत्यं सा अचिराज्जनयिष्यति।
मम प्रसादात् कल्याणि माभूत् ते प्रणयोऽन्यथा॥ २५॥
 
 
अनुवाद
कल्याणी! मेरे आशीर्वाद से तुम्हारी माता शीघ्र ही एक गुणवान पुत्र को जन्म देगी। तुम्हारी प्रेमपूर्ण प्रार्थना निष्फल नहीं होगी। 25॥
 
Kalyani! With my blessings, your mother will soon give birth to a virtuous son. Your loving request will not fail. 25॥
 ✨ ai-generated
 
 
  Connect Form
  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
  © copyright 2025 vedamrit. All Rights Reserved.