श्री महाभारत  »  पर्व 13: अनुशासन पर्व  »  अध्याय 4: आजमीढके वंशका वर्णन तथा विश्वामित्रके जन्मकी कथा और उनके पुत्रोंके नाम  »  श्लोक 24
 
 
श्लोक  13.4.24 
तत: सा त्वरितं गत्वा तत् सर्वं प्रत्यवेदयत्।
मातुश्चिकीर्षितं राजनृचीकस्तामथाब्रवीत्॥ २४॥
 
 
अनुवाद
राजा ! तत्पश्चात सत्यवती ने तुरन्त जाकर ऋचीक से अपनी माता की सारी इच्छा कही। तब ऋचीक ने उससे कहा -॥24॥
 
King! Thereafter Satyavati immediately went and expressed all the wishes of her mother to Richik. Then Richik said to her -॥ 24॥
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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