श्री महाभारत  »  पर्व 13: अनुशासन पर्व  »  अध्याय 34: राजर्षि वृषदर्भ (या उशीनर)-के द्वारा शरणागत कपोतकी रक्षा तथा उस पुण्यके प्रभावसे अक्षयलोककी प्राप्ति  »  श्लोक 30
 
 
श्लोक  13.34.30 
तत: सेन्द्रास्त्रयो लोकास्तं नरेन्द्रमुपस्थिता:।
भेर्यश्चाकाशगैस्तत्र वादिता देवदुन्दुभि:॥ ३०॥
 
 
अनुवाद
तब इंद्र आदि देवताओं सहित तीनों लोकों के सभी प्राणी नरेंद्र के पास आए। कुछ देवता आकाश में ही खड़े होकर नगाड़े बजाने लगे।
 
Then all the creatures of the three worlds including Indra and other gods came to Narendra. Some gods stood in the sky itself and started playing drums. 30.
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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