वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्री महाभारत
»
पर्व 13: अनुशासन पर्व
»
अध्याय 26: ब्रह्महत्याके समान पापोंका निरूपण
»
श्लोक 11
श्लोक
13.26.11
चक्षुषा विप्रहीणस्य पंगुलस्य जडस्य वा।
हरेत यो वै सर्वस्वं तं विद्याद् ब्रह्मघातिनम्॥ ११॥
अनुवाद
जो अंधे, लंगड़े और गूंगे का सब कुछ हरण कर लेता है, वह ब्रह्महत्यारा कहलाता है। 11.
He who takes away everything from the blind, the lame and the dumb is known as a killer of Brahman. 11.
✨ ai-generated
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2025 vedamrit. All Rights Reserved.