श्री महाभारत  »  पर्व 13: अनुशासन पर्व  »  अध्याय 24: युधिष्ठिरके विविध धर्मयुक्त प्रश्नोंका उत्तर तथा श्राद्ध और दानके उत्तम पात्रोंका लक्षण  »  श्लोक 27
 
 
श्लोक  13.24.27 
भीष्म उवाच
कल्यमर्थं निषेवेत ततो धर्ममनन्तरम्।
पश्चात् कामं निषेवेत न च गच्छेत् प्रसङ्गिताम्॥ २७॥
 
 
अनुवाद
भीष्म बोले - हे राजन! प्रातःकाल धन कमाओ, फिर धर्म करो और उसके बाद काम में लग जाओ; परन्तु काम में आसक्त मत होओ॥ 27॥
 
Bhishma said, 'O King! Earn money in the morning, then pursue Dharma and after that indulge in Kama (desire); but do not get attached to Kama.॥ 27॥
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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