श्री महाभारत » पर्व 13: अनुशासन पर्व » अध्याय 21: अष्टावक्र और उत्तर दिशाका संवाद » श्लोक 1 |
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| | श्लोक 13.21.1  | भीष्म उवाच
अथ सा स्त्री तमुवाच बाढमेवं भवत्विति।
तैलं दिव्यमुपादाय स्नानशाटीमुपानयत्॥ १॥ | | | अनुवाद | भीष्मजी कहते हैं - राजन ! ऋषि के वचन सुनकर वह स्त्री बोली - 'बहुत अच्छा, ऐसा ही हो' ऐसा कहकर वह दिव्य तेल और स्नान के वस्त्र ले आई। | | Bhishmaji says - King! On hearing the sage's words the woman said - 'Very good, let it be so' saying so she brought the divine oil and bathing clothes. |
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