श्री महाभारत  »  पर्व 13: अनुशासन पर्व  »  अध्याय 20: अष्टावक्र मुनिका वदान्य ऋषिके कहनेसे उत्तर दिशाकी ओर प्रस्थान, मार्गमें कुबेरके द्वारा उनका स्वागत तथा स्त्रीरूपधारिणी उत्तरदिशाके साथ उनका संवाद  »  श्लोक 4
 
 
श्लोक  13.20.4 
स्वर्गो मृतानां भवति सहधर्म: पितामह।
पूर्वमेकस्तु म्रियते क्व चैकस्तिष्ठते वद॥ ४॥
 
 
अनुवाद
पितामह! जब मृत लोग स्वर्ग चले जाते हैं और पति-पत्नी में से कोई एक पहले मर जाता है, तब मनुष्य में सामान्य धर्म कहाँ रह जाता है? कृपया मुझे यह बताइए।॥4॥
 
Grandfather! When the dead people go to heaven and one of the husband and wife dies first, then where does the common religion remain in a person? Please tell me this. ॥ 4॥
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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