श्री महाभारत  »  पर्व 13: अनुशासन पर्व  »  अध्याय 20: अष्टावक्र मुनिका वदान्य ऋषिके कहनेसे उत्तर दिशाकी ओर प्रस्थान, मार्गमें कुबेरके द्वारा उनका स्वागत तथा स्त्रीरूपधारिणी उत्तरदिशाके साथ उनका संवाद  »  श्लोक 16
 
 
श्लोक  13.20.16 
वदान्य उवाच
धनदं समतिक्रम्य हिमवन्तं च पर्वतम्।
रुद्रस्यायतनं दृष्ट्वा सिद्धचारणसेवितम्॥ १६॥
 
 
अनुवाद
वदान्य ने कहा, "बेटा! कुबेर की अलकापुरी को पार करके जब तुम हिमालय पार करोगे, तब तुम्हें सिद्धों और चारणों से सेवित रुद्र के धाम कैलाश पर्वत के दर्शन होंगे।"
 
Vadanya said, "Son! After crossing Kubera's Alakapuri, when you cross the Himalayas, then you will get the sight of Mount Kailash, the abode of Rudra, served by Siddhas and Charanas."
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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