श्री महाभारत  »  पर्व 13: अनुशासन पर्व  »  अध्याय 20: अष्टावक्र मुनिका वदान्य ऋषिके कहनेसे उत्तर दिशाकी ओर प्रस्थान, मार्गमें कुबेरके द्वारा उनका स्वागत तथा स्त्रीरूपधारिणी उत्तरदिशाके साथ उनका संवाद  »  श्लोक 12
 
 
श्लोक  13.20.12 
सुप्रभां नाम वै नाम्ना रूपेणाप्रतिमां भुवि।
गुणप्रभावशीलेन चारित्रेण च शोभनाम्॥ १२॥
 
 
अनुवाद
उस कन्या का नाम सुप्रभा था। उसका सौन्दर्य इस पृथ्वी पर अद्वितीय था। वह गुण, प्रभाव, शील और चरित्र - सभी दृष्टियों से अत्यंत सुन्दर थी॥12॥
 
The name of that girl was Suprabha. Her beauty was unmatched on this earth. She was extremely beautiful in all aspects - virtue, influence, modesty and character.॥ 12॥
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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