श्री महाभारत  »  पर्व 13: अनुशासन पर्व  »  अध्याय 2: प्रजापति मनुके वंशका वर्णन, अग्निपुत्र सुदर्शनका अतिथिसत्काररूपी धर्मके पालनसे मृत्युपर विजय पाना  »  श्लोक 89
 
 
श्लोक  13.2.89 
भीष्म उवाच
शुक्लानां तु सहस्रेण वाजिनां रथमुत्तमम्।
युक्तं प्रगृह्य भगवान‍् वासवोऽप्याजगाम तम्॥ ८९॥
 
 
अनुवाद
भीष्म कहते हैं - युधिष्ठिर! तत्पश्चात भगवान इन्द्र भी एक हजार श्वेत घोड़ों से जुते हुए अद्भुत रथ पर सवार होकर उनसे मिलने आये।
 
Bhishma says - Yudhishthira! Thereafter Lord Indra also came to meet him in a wonderful chariot drawn by a thousand white horses. 89
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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