वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्री महाभारत
»
पर्व 13: अनुशासन पर्व
»
अध्याय 2: प्रजापति मनुके वंशका वर्णन, अग्निपुत्र सुदर्शनका अतिथिसत्काररूपी धर्मके पालनसे मृत्युपर विजय पाना
»
श्लोक 86
श्लोक
13.2.86
अनेन चैव देहेन लोकांस्त्वमभिपत्स्यसे।
निर्जितश्च त्वया मृत्युरैश्वर्यं च तवोत्तमम्॥ ८६॥
अनुवाद
तुम इसी शरीर से उन दिव्य लोकों में जाओगे, क्योंकि तुमने मृत्यु पर विजय प्राप्त कर ली है और परम ऐश्वर्य प्राप्त कर लिया है।
‘You will go to those divine worlds in this very body, because you have conquered death and you have attained supreme prosperity.
✨ ai-generated
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2025 vedamrit. All Rights Reserved.