श्री महाभारत  »  पर्व 13: अनुशासन पर्व  »  अध्याय 2: प्रजापति मनुके वंशका वर्णन, अग्निपुत्र सुदर्शनका अतिथिसत्काररूपी धर्मके पालनसे मृत्युपर विजय पाना  »  श्लोक 75
 
 
श्लोक  13.2.75 
यथैषा नानृता वाणी मयाद्य समुदीरिता।
तेन सत्येन मां देवा: पालयन्तु दहन्तु वा॥ ७५॥
 
 
अनुवाद
यदि आज मेरे द्वारा कहे गए वचन मिथ्या न हों, तो देवता इस सत्य के बल से मेरी रक्षा करें, अथवा यदि मिथ्या हों, तो मुझे जलाकर भस्म कर दें॥ 75॥
 
If the words spoken by me today are not false, then may the gods protect me by the power of this truth, or if they are false, may they burn me to ashes.'॥ 75॥
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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