श्री महाभारत  »  पर्व 13: अनुशासन पर्व  »  अध्याय 2: प्रजापति मनुके वंशका वर्णन, अग्निपुत्र सुदर्शनका अतिथिसत्काररूपी धर्मके पालनसे मृत्युपर विजय पाना  »  श्लोक 51
 
 
श्लोक  13.2.51 
इत्युक्ता तेन विप्रेण राजपुत्री यशस्विनी।
विधिना प्रतिजग्राह वेदोक्तेन विशाम्पते॥ ५१॥
 
 
अनुवाद
प्रजानाथ! ब्राह्मण से यह सुनकर प्रसिद्ध राजकुमारी ओघवती ने वेदविधिपूर्वक उनकी पूजा की ॥51॥
 
Prajanath! On hearing this from the Brahmin, the famous princess Oghawati worshiped him according to the Vedas. 51॥
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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