श्री महाभारत  »  पर्व 13: अनुशासन पर्व  »  अध्याय 2: प्रजापति मनुके वंशका वर्णन, अग्निपुत्र सुदर्शनका अतिथिसत्काररूपी धर्मके पालनसे मृत्युपर विजय पाना  »  श्लोक 21
 
 
श्लोक  13.2.21 
तामग्निश्चकमे साक्षाद् राजकन्यां सुदर्शनाम्।
भूत्वा च ब्राह्मणो राजन् वरयामास तं नृपम्॥ २१॥
 
 
अनुवाद
राजन! अग्निदेव राजकुमारी सुदर्शन पर मोहित हो गए और उन्होंने ब्राह्मण का रूप धारण करके राजा से उस कन्या को मांग लिया॥21॥
 
Rajan! Agnidev became enamored with princess Sudarshan and took the form of a Brahmin and asked for the girl from the king. 21॥
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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