श्री महाभारत  »  पर्व 13: अनुशासन पर्व  »  अध्याय 2: प्रजापति मनुके वंशका वर्णन, अग्निपुत्र सुदर्शनका अतिथिसत्काररूपी धर्मके पालनसे मृत्युपर विजय पाना  »  श्लोक 19
 
 
श्लोक  13.2.19 
तस्यां जज्ञे तदा नद्यां कन्या राजीवलोचना।
नाम्ना सुदर्शना राजन् रूपेण च सुदर्शना॥ १९॥
 
 
अनुवाद
हे राजन! उस नदी के गर्भ से राजा के यहाँ कमल के समान नेत्रों वाली एक कन्या उत्पन्न हुई जो न केवल नाम से सुन्दर थी, अपितु रूप से भी सुन्दर थी।
 
O King! From the womb of that river a lotus eyed girl was born to the king who was not only beautiful by name but also beautiful in appearance.
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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