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श्लोक 13.19.82  |
स्तवराजमिमं कृत्वा रुद्राय दधिरे मन:।
सर्वदोषापहं पुण्यं पवित्रं च यशस्विन:॥ ८२॥ |
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अनुवाद |
जो मनुष्य समस्त पापों का नाश करने वाले इस पवित्र एवं पुण्यमय स्तवराज का पाठ करते हैं तथा भगवान रुद्र का ध्यान करते हैं, वे प्रसिद्ध होते हैं ॥ 82॥ |
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Those who recite this sacred and virtuous Stavaraja, which destroys all sins, and concentrate on the thought of Lord Rudra, become famous. ॥ 82॥ |
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