श्री महाभारत  »  पर्व 13: अनुशासन पर्व  »  अध्याय 19: शिवसहस्रनामके पाठकी महिमा तथा ऋषियोंका भगवान‍् शंकरकी कृपासे अभीष्ट सिद्धि होनेके विषयमें अपना-अपना अनुभव सुनाना और श्रीकृष्णके द्वारा भगवान‍् शिवजीकी महिमाका वर्णन  »  श्लोक 78
 
 
श्लोक  13.19.78 
तत्सम्भूता भूतकृतो वरेण्या:
सर्वे देवा भुवनस्यास्य गोपा:।
आविश्येमां धरणीं येऽभ्यरक्षन्
पुरातनीं तस्य देवस्य सृष्टिम्॥ ७८॥
 
 
अनुवाद
जो पृथ्वी में प्रवेश करके महादेव द्वारा बनाई गई सृष्टि की रक्षा करते हैं, जो सम्पूर्ण जगत के रक्षक हैं, विविध जीवों के रचयिता हैं तथा जो श्रेष्ठ हैं, वे सभी देवता भगवान शिव से ही प्रकट हुए हैं।
 
Those who enter the Earth and protect the creation made by Mahadev, who are the protectors of the whole world, the creators of various living beings and who are the best, all those gods have appeared from Lord Shiva only.
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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