श्री महाभारत  »  पर्व 13: अनुशासन पर्व  »  अध्याय 19: शिवसहस्रनामके पाठकी महिमा तथा ऋषियोंका भगवान‍् शंकरकी कृपासे अभीष्ट सिद्धि होनेके विषयमें अपना-अपना अनुभव सुनाना और श्रीकृष्णके द्वारा भगवान‍् शिवजीकी महिमाका वर्णन  »  श्लोक 28
 
 
श्लोक  13.19.28 
अनुग्रहानेवमेष करोति भगवान‍् विभु:।
परं धाता विधाता च सुखदु:खे च सर्वदा॥ २८॥
 
 
अनुवाद
इस प्रकार सर्वव्यापी भगवान शंकर सब पर कृपा करते हैं। वे ही सबका भलीभाँति पालन-पोषण करते हैं तथा सबके सुख-दुःख का सदैव ध्यान रखते हैं॥28॥
 
“In this way, the omnipresent Lord Shankar showers his grace on everyone. He is the one who sustains and nourishes everyone well and also always provides for everyone's happiness and sorrows.”॥28॥
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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