श्री महाभारत  »  पर्व 13: अनुशासन पर्व  »  अध्याय 188: भीष्मके अन्त्येष्टि-संस्कारकी सामग्री लेकर युधिष्ठिर आदिका उनके पास जाना और भीष्मका श्रीकृष्ण आदिसे देहत्यागकी अनुमति लेते हुए धृतराष्ट्र और युधिष्ठिरको कर्तव्यका उपदेश देना  »  श्लोक 49
 
 
श्लोक  13.188.49 
प्राणानुत्स्रष्टुमिच्छामि तत्रानुज्ञातुमर्हथ।
सत्येषु यतितव्यं व: सत्यं हि परमं बलम्॥ ४९॥
 
 
अनुवाद
अब मैं प्राण त्यागना चाहता हूँ। आप सब लोग मुझे इसकी अनुमति दीजिए। आप लोग सदैव सत्य धर्म का पालन करने का प्रयत्न कीजिए; क्योंकि सत्य ही सबसे बड़ा बल है॥49॥
 
‘Now I want to give up my life. All of you please give me permission for this. You should always try to follow the true religion; because truth is the greatest strength.॥ 49॥
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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