श्री महाभारत  »  पर्व 13: अनुशासन पर्व  »  अध्याय 188: भीष्मके अन्त्येष्टि-संस्कारकी सामग्री लेकर युधिष्ठिर आदिका उनके पास जाना और भीष्मका श्रीकृष्ण आदिसे देहत्यागकी अनुमति लेते हुए धृतराष्ट्र और युधिष्ठिरको कर्तव्यका उपदेश देना  »  श्लोक 28
 
 
श्लोक  13.188.28 
माघोऽयं समनुप्राप्तो मास: सौम्यो युधिष्ठिर।
त्रिभागशेष: पक्षोऽयं शुक्लो भवितुमर्हति॥ २८॥
 
 
अनुवाद
‘युधिष्ठिर! इस समय चन्द्रमास के अनुसार माघ मास आ गया है। इसका शुक्ल पक्ष चल रहा है, जिसका एक भाग बीत चुका है और तीन भाग शेष हैं (यदि मास का आरम्भ शुक्ल पक्ष से माना जाए तो आज माघ शुक्ल अष्टमी लगती है)॥ 28॥
 
‘Yudhishthira! According to the lunar month, the month of Magha has arrived at this time. Its Shukla Paksha is going on, one part of which has passed and three parts are remaining (if the month is considered to start from Shukla Paksha, today seems to be Magh Shukla Ashtami)’॥ 28॥
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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